Operating System Kya Hai | ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रकार
Operating System Kya Hai – ऑपरेटिंग सिस्टम एक सिस्टम सॉफ़्टवेयर है जो कंप्यूटर के हार्डवेयर और यूजर के बीच इंटरफेस का काम करता है। ऑपरेटिंग सिस्टम से यूजर कंप्यूटर को इनपुट देता है और कंप्यूटर उस इनपुट को प्रोसेस करने के जो आउटपुट देता है ऑपरेटिंग सिस्टम उस आउटपुट को विज़ुअल और साउंड में कन्वर्ट करता है।इस लेख में आप आगे पड़ेंगे Operating System Kya Hai, OS कैसे काम करता है और OS कितने प्रकार का होता है।
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Operating System Kya Hai
Operating System Kya Hai – कंप्यूटर एक मशीन है जिसे कमांड या इनपुट देने और उससे काम करवाने के लिए एक सॉफ्टवेयर की जरुरत होती है। कंप्यूटर सिर्फ मशीन लैंग्वेज को समझता है मशीन लैंग्वेज में सिर्फ दो ही अक्षर होते है 0 जिसका मतलब होता है लौ और 1 जिसका मतलब हाई। जीरो और एक के कॉम्बिनेशन से कंप्यूटर को कमांड/इनपुट दी जाती है लेकिन इस मशीन लैंग्वेज (बाइनरी डिजिट) को सझना और लिखना बहुत ही कठिन होता है। हमारे द्वारा कंप्यूटर को कोई भी कमांड या इनपुट दी जाती है तो ऑपरेटिंग सिस्टम इनपुट को मशीन लैंग्वेज में कन्वर्ट करता है और कंप्यूटर की आउटपुट को ग्राफ़िक्स और साउंड में कन्वर्ट करता है।
यूजर कंप्यूटर पर काम करते समय किसी भी एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर से कंप्यूटर के हार्डवेयर को इनपुट देता है तो ऑपरेटिंग सिस्टम उस इनपुट को मशीन लैंग्वेज (बाइनरी डिजिट) में कन्वर्ट करता है। हार्डवेयर से प्रोसेस की गई आउटपुट को मशीन लैंग्वेज से उसे ग्राफ़िक्स में कन्वर्ट करता है जिसे आप एप्लीकेशन में देख सकते है। ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर के हार्डवेयर और एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के बीच में काम करता है। यह यूजर और कंप्यूटर के बीच संचार स्थापित करता है।
Operating System Kya Hai – ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर के सभी हार्डवेयर और सॉफ़्टवेयर को कण्ट्रोल करता है और यूजर को कंप्यूटर के साथ बातचीत करने की सुविधा देता है। ऑपरेटिंग सिस्टम से कंप्यूटर पर काम करने में आसानी होती है। यहाँ नीचे कुछ ऑपरेटिंग सिस्टम के उदाहरण दिए गए है जो की आजकल बहुत प्रचलित है।
- Windows: यह कंप्यूटर बेस्ड ऑपरेटिंग सिस्टम है जिसे Microsoft कंपनी ने बनाया है। विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम के बहुत से वर्शन है जिसमें WindowsXP, Windows Vista, Windows 8, Windows 10 Aur windows 11 शामिल है। यह सबसे लोकप्रिय सिंगल यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम है।
- macOS: यह Apple कंपनी द्वारा बनाया गया ऑपरेटिंग सिस्टम है। यह कंप्यूटर बेस्ड ऑपरेटिंग सिस्टम है इसके विज़ुअल बहुत ही आकर्षक है और इसे चलना बहुत ही आसान है। यह विंडोज के बाद सबसे जयादा पर्सनल कंप्यूटर में इस्तेमाल किया जाने वाला ऑपरेटिंग सिस्टम है।
- Linux: यह ओपन सोर्स ऑपरेटिंग सिस्टम है जिसे फ्री में इस्तेमाल किया जाता है। इसका ग्राफ़िक्स इंटरफ़ेस आकर्षक नहीं है और इसको पर्सनल कंप्यूटर में बहुत कम इस्तेमाल किया जाता है। यह सर्वर और स्पेशल सॉफ्टवेयर को ऑपरेट करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है इसके उदाहरण है Ubuntu, Fedora, Debian आदि।
- Android: यह मोबाइल बेस्ड ऑपरेटिंग सिस्टम है जिसे Google ने बनाया है यह मोबाइल में इस्तेमाल किया जाने वाला ओपन सोर्स ऑपरेटिंग सिस्टम है जो की बहुत ही प्रचलित है।
- iOS: यह मोबाइल बेस्ड ऑपरेटिंग सिस्टम जिसे Apple ने बनाया है यह iPhone में इस्तेमाल किया जाता है। यह ऑपरेटिंग सिस्टम यूजर कीपर्सनल इनफार्मेशन और डाटा की सिक्योरिटी के मामले में बहुत ही एडवांस है।
ऑपरेटिंग सिस्टम का इतिहास
ऑपरेटिंग सिस्टम के इतिहास को जनरेशन में बांटा गया है क्योंकि ऑपरेटिंग सिस्टम का विकास कंप्यूटर के विकास के साथ-साथ हुआ है। ऑपरेटिंग सिस्टम को प्रमुख पांच पीढ़ीओं में बांटा गया है।
- पहली पीढ़ी (1940-1955) – इस पीढ़ी में कंप्यूटर बहुत बड़े और धीमे थे इनमे वैक्यूम टूब का इस्तेमाल किया जाता था। कोई भी ऑपरेटिंग सिस्टम नहीं था, सभी कार्य सीधे मशीन भाषा (बाइनरी डिजिट्स) में किए जाते थे। यूजर को खुद ही बाइनरी डिजिट्स में कोड लिखकर कंप्यूटर को नियंत्रित करना पड़ता था। इनकी कार्य क्षमता बहुत ही कम थी और ऑपरेटिंग सिस्टम न होने के कारण इन्हे नियंत्रण करना कठिन था।
- दूसरी पीढ़ी (1955-1965) – इस पीढ़ी में ट्रांजिस्टर (Transistor) का उपयोग शुरू हुआ, जिससे कंप्यूटर छोटे और तेज़ हुए। इस पीढ़ी में पहली बार ऑपरेटिंग सिस्टम बनाया गया जो बैच प्रोसेसिंग सिस्टम (Batch Processing System) की तरह काम करता था। बैच प्रोसेसिंग सिस्टम से एक साथ कई जॉब (Jobs) को ग्रुप में प्रोसेस किया जाता था। इसमें यूज़र्स Punch Cards के जरिए प्रोग्राम लोड करते थे और प्रोसेसिंग के लिए ऑपरेटर को देते थे। बैच प्रोसेसिंग सिस्टम के प्रमुख ऑपरेटिंग सिस्टम GM-NAA I/O जिसे General Motors द्वारा विकसित किया गया और IBSYS जिसे IBM द्वारा विकसित गया है।
- तीसरी पीढ़ी (1965-1980) – इस पीढ़ी में इंटीग्रेटेड सर्किट (ICs) का उपयोग जिससे कंप्यूटर अधिक तेज हुए। इस पीढ़ी में मल्टीप्रोग्रामिंग और टाइम-शेयरिंग सिस्टम का उपयोग होने लगा। मल्टीप्रोग्रामिंग ऑपरेटिंग सिस्टम से एक साथ कई प्रोग्राम चलाया जा सकता था। टाइम-शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम में एक ही सिस्टम पर कई उपयोगकर्ता एक साथ काम कर सकते थे। इस पीढ़ी के प्रमुख ऑपरेटिंग सिस्टम UNIX और MULTICS है।
- चौथी पीढ़ी (1980-2000) – इस पीढ़ी में माइक्रोप्रोसेसर का विकास हुआ, जिससे पर्सनल कंप्यूटर (PC) का दौर शुरू हुआ। इस पीढ़ी में ग्राफिकल यूज़र इंटरफेस (GUI) विकसित हुआ जिससे उपयोगकर्ताओं के लिए कंप्यूटर चलाना आसान हुआ। इस पीढ़ी में नेटवर्किंग और इंटरनेट का विकास हुआ। इस पीढ़ी में MS-DOS (Microsoft), Windows 1.0 (Microsoft), macOS (Apple) और Linux (Linus Torvalds) जैसे प्रमुख ऑपरेटिंग सिस्टम विकसित किये गए।
- पाँचवीं पीढ़ी (2000-वर्तमान) – इस पीढ़ी में मोबाइल और क्लाउड कंप्यूटिंग विकसित किये गए। इस पीढ़ी में विकसित किये गए ऑपरेटिंग सिस्टम में वर्चुअलाइजेशन (Virtualization) और सुरक्षा (Security) पर अधिक ध्यान दिया गया। क्लाउड कंप्यूटिंग (Cloud Computing) और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का विकास होने से स्मार्टफोन और टैबलेट्स के लिए विशेष ऑपरेटिंग सिस्टम विकसित किए गए। इस पीढ़ी में Windows XP, 7, 10, 11 (Microsoft), macOS (Apple), Android (Google), iOS (Apple) जैसे ऑपरेटिंग सिस्टम बनाये गए।
ऑपरेटिंग सिस्टम के कार्य
ऑपरेटिंग सिस्टम (OS) कंप्यूटर का महत्वपूर्ण सॉफ़्टवेयर है यह हार्डवेयर और सॉफ़्टवेयर के बीच इंटरफ़ेस का काम करता है। ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर के हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर को नियंत्रित और प्रबंधित करता है। ऑपरेटिंग सिस्टम के वैसे तो बहुत से कार्य है लेकिन इनमें से 6 मुख्य कार्य का विवरण नीचे दिया गया है।
- मेमोरी मैनेजमेंट – ऑपरेटिंग सिस्टम मेमोरी मैनेजमेंट का काम करता है और यह सुनिश्चित करता है कि कंप्यूटर की मेमोरी का सही उपयोग हो। ऑपरेटिंग सिस्टम यह भी तय करता है कि किस प्रोग्राम को कितनी मेमोरी दी जानी चाहिए जिसे मेमोरी मैनेजमेंट कहा जाता है। जब RAM पूरी भर जाती है, तो OS वर्चुअल मेमोरी (Virtual Memory) का उपयोग करता है। जैसे आप कई ऐप्स खोलते हैं और RAM फुल हो जाती है, तो OS कम उपयोग होने वाले प्रोग्राम्स को डिस्क पर शिफ्ट करता है जिससे सिस्टम सुचारू रूप से काम करते है।
- डिस्क मैनेजमेंट – डिस्क मैनेजमेंट जिसे फाइल सिस्टम मैनेजमेंट भी कहा जाता है। ऑपरेटिंग सिस्टम सभी फाइल्स और फोल्डर्स को व्यवस्थित और नियंत्रित करता है। ऑपरेटिंग सिस्टम फाइल क्रिएशन, डिलीशन, एक्सेस, परमिशन और उनकी सिक्योरिटी को मैनेज करता है। ऑपरेटिंग सिस्टम अलग अलग फाइल सिस्टम्स जैसे NTFS, FAT32 और ext4 को सपोर्ट करता है। Windows में File Explorer और macOS में Finder का उपयोग डिस्क मैनेजमेंट के लिए किया जाता है।
- नेटवर्किंग – ऑपरेटिंग सिस्टम इंटरनेट के लिए कंप्यूटर को LAN (Local Area Network) और WAN (Wide Area Network) जैसे नेटवर्क से जोड़ने में मदद करता है। ऑपरेटिंग सिस्टम नेटवर्किंग में डेटा शेयरिंग, इंटरनेट एक्सेस, और नेटवर्क सिक्योरिटी को मैनेज करने का काम करता है। ऑपरेटिंग सिस्टम Wi-Fi, Bluetooth और VPN सेटिंग्स को नियंत्रित करता है।
- प्रोसेस मैनेजमेंट – ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर में चलने वाले सभी प्रोग्राम के प्रोसेस को कण्ट्रोल करता है। ऑपरेटिंग सिस्टम यह बी तय करता है कि कौन सा प्रोग्राम पहले और कौन सा प्रोग्राम बाद में चलेगा जिसे CPU शेड्यूलिंग और प्रोसेस मैनेजमेंट कहा जाता है। ऑपरेटिंग सिस्टम किसी भी प्रोसेस को क्रिएट, एक्सीक्यूट और टर्मिनेट करने का काम करता है। कंप्यूटर पर आप एक साथ ब्राउज़र, वीडियोस प्लेयर और MS Excel चलाते है तो ऑपरेटिंग सिस्टम इन सभी प्रोग्राम के प्रोसेस को मैनेज करता है।
- सिक्योरिटी – ऑपरेटिंग सिस्टम एन्क्रिप्शन, फायरवॉल और एंटीवायरस की मदद से कंप्यूटर को सुरक्षित रखता है। ऑपरेटिंग सिस्टम यूजर के पासवर्ड और पर्सनल इनफार्मेशन को सिक्योर करता है। ऑपरेटिंग सिस्टम यूज़र ऑथेंटिकेशन और फाइल परमिशन जैसे प्रोग्राम का इस्तेमाल करके कंप्यूटर की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
- यूजर इंटरफ़ेस – ऑपरेटिंग सिस्टम यूजर को कंप्यूटर को कमांड/इनपुट देने के लिए GUI (Graphical User Interface) और CLI (Command Line Interface) प्रदान करता है। ग्राफिकल यूजर इंटरफ़ेस में कीबोर्ड और माउस का उपयोग करके कंप्यूटर को कण्ट्रोल किया जाता है। कमांड लेवल इंटरफ़ेस में कमांड टाइप करके सिस्टम को कंट्रोल किया जाता है।
कार्य आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रकार
Multi-Processing Operating System Kya Hai
मल्टीप्रोसेसिंग ऑपरेटिंग सिस्टम एक साथ दो या अधिक प्रोसेसर (CPU) का उपयोग करके प्रोसेस को एग्जिक्यूट करता है। कंप्यूटर में दो या अधिक प्रोसेसर लगे होने पर मल्टीप्रोसेसिंग ऑपरेटिंग सिस्टम उन सभी प्रोसेसर का उपयोग करके एक साथ कई कार्य कर सकता है। मल्टीप्रोसेसिंग ऑपरेटिंग सिस्टम में गति कार्यक्षमता और प्रदर्शन बढ़ जाता है। कंप्यूटर पर जब आप एक साथ वीडियो एडिटिंग, गेमिंग, और इंटरनेट ब्राउज़िंग करते हैं, तो मल्टीप्रोसेसिंग ऑपरेटिंग सिस्टम अलग अलग CPU को इन कार्यों के बीच में बांटता है ताकि कंप्यूटर तेज़ी से चले।
मल्टीप्रोसेसिंग ऑपरेटिंग सिस्टम में कई CPU एक साथ मिलकर तेजी से कार्य पूरा करते हैं, इसमें बड़े और जटिल कार्य को आसान बनाया जा सकता है। यह OS कार्यों को CPU के बीच बांटकर सिस्टम को सुचारू रूप से चलाया जा सकता है और अगर एक CPU फेल हो जाए तो दूसरा CPU कार्य कर सकता है।
Batch Operating System Kya Hai
बैच ऑपरेटिंग सिस्टम में एक जैसे कार्यों (Jobs) को समूहों (Batches) में इकट्ठा करके एक साथ एग्जिक्यूट किया जाता है। यूजर अपने कार्य (Jobs) को इनपुट डिवाइस जैसे कार्ड रीडर या टेप ड्राइव के माध्यम से सिस्टम में दर्ज करता है। ऑपरेटिंग सिस्टम समान प्रकार के कार्यों को समूहों (Batches) बांटता है और एक-एक करके पूरे बैच को CPU को सौंप कर एग्जिक्यूट करता है। एक बैच जब पूरा हो जाता है, तो अगला बैच प्रोसेस किया जाता है और इसमें सभी कार्य पूरे होने के बाद पआउटपुट यूजर को मिलता है। यह सबसे पुराना ऑपरेटिंग सिस्टम है।
बैच ऑपरेटिंग सिस्टम CPU का अधिकतम उपयोग करता है, एक जैसे कार्यों को एक साथ एग्जिक्यूट करता है, और यह तेज़ ऑपरेटिंग सिस्टम होता है। यह ऑपरेटिंग सिस्टम रियल-टाइम प्रोसेसिंग नहीं कर सकता और अगर कोई एक जॉब फेल हो जाए तो पूरा बैच टर्मिनेट हो जाता है।
Multi-Tasking Operating System Kya Hai
मल्टीटास्किंग ऑपरेटिंग सिस्टम एक ऐसा ऑपरेटिंग सिस्टम होता है जो एक ही समय में कई प्रोसेस को मैनेज और एग्जिक्यूट कर सकता है। इसमें CPU के समय को छोटे-छोटे समय खंडों में बाँट देता है ताकि एक से अधिक प्रोग्राम एक साथ चल सकें। जैसे आप कंप्यूटर पर ब्राउज़र में इंटरनेट सर्फिंग, म्यूजिक प्लेयर में गाने सुनना और MS Word में डॉक्यूमेंट एडिट कर रहे होते हैं, तो मल्टीटास्किंग ऑपरेटिंग सिस्टम इन सभी कार्यों को एक साथ मैनेज करता है। मल्टीटास्किंग ऑपरेटिंग सिस्टम में Windows 10, Windows 11, Linux (Ubuntu, Fedora, Red Hat) और macOS जैसे OS शामिल है।
मल्टीटास्किंग OS के लाभ की बात की जाये तो यह एक साथ कई प्रोग्राम्स चला सकता है, इसमें CPU का अधिकतम उपयोग होता है, और प्रोग्राम्स को तेज़ी से स्विच (Switch) किया जा सकता है। लेकिन इसमें RAM (मेमोरी) की अधिक आवश्यकता होती है, CPU पर भी अधिक लोड पड़ता है और सिस्टम कभी-कभी धीमा (Lag) और क्रैश हो सकता है।
Multi-Programming Operating System Kya Hai
मल्टी-प्रोग्रामिंग ऑपरेटिंग सिस्टम एक ही समय में कई प्रोग्राम्स (Programs) को मेमोरी में लोड करके CPU का अधिकतम उपयोग करता है। मल्टी-प्रोग्रामिंग ऑपरेटिंग सिस्टम एक प्रोग्राम में इनपुट/आउटपुट (I/O) ऑपरेशन पूरा करता है तो दूसरा प्रोग्राम CPU का उपयोग के लिए एग्जिक्यूट कर सकता है। इससे CPU खाली नहीं रहता और कंप्यूटर की कार्यक्षमता बढ़ जाती है। यह ऑपरेटिंग सिस्टम CPU को बारी बारी करके प्रत्येक प्रोग्राम को समय (Time) देता है। ऑपरेटिंग सिस्टम से CPU और सिस्टम संसाधनों का अधिकतम उपयोग होता है।
Time-Sharing Operating System Kya Hai
टाइम-शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम में CPU का समय (Time) विभिन्न यूजर और प्रोसेस के बीच में बाँटा जाता है। इसमें सभी प्रोसेस को थोड़ा-थोड़ा समय दिया जाता है। इस ऑपरेटिंग सिस्टम में एक ही समय में कई यूजर और प्रोसेस सिस्टम में लॉग इन कर सकते हैं। यह ऑपरेटिंग सिस्टम प्रत्येक प्रक्रिया को एक निर्धारित समय के लिए CPU प्रदान करता है और जब एक यूजर का समय समाप्त हो जाता है, तो CPU अगले यूजर को सौंप दिया जाता है। यह प्रक्रिया इतनी तेज़ी से होती है कि हर उपयोगकर्ता को लगता है कि सिस्टम केवल उनके लिए ही काम कर रहा है।
इंटरफ़ेस आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम
GUI Operating System
GUI (ग्राफिकल यूज़र इंटरफेस) ऑपरेटिंग सिस्टम एक ऐसा इंटरफेस होता है जिसमें यूजर आइकन (Icons), बटन (Buttons), मेनू (Menus) और विंडो (Windows) का उपयोग करके कंप्यूटर को कमांड/इनपुट दे सकते हैं। इस ऑपरेटिंग सिस्टम में माउस और टचस्क्रीन का उपयोग करके कंप्यूटर को इनपुट दिया जाता है। यह ऑपरेटिंग सिस्टम चित्रों, बटनों और माउस क्लिक के माध्यम से काम करता हैं। ग्राफिकल यूज़र इंटरफेस में Windows OS (Windows 7, 8, 10, 11), macOS, Android, iOS, Linux (Ubuntu, KDE, GNOME) और वेब ब्राउज़र (Google Chrome, Mozilla Firefox, Microsoft Edge) जैसे ऑपरेटिंग सिस्टम शामिल होते है।
CLI Operating System
CLI (कमांड लाइन इंटरफेस) ऑपरेटिंग सिस्टम एक ऐसा इंटरफेस है जिसमें यूज़र टेक्स्ट कमांड लिखकर कंप्यूटर से इंटरैक्ट करता है। इसमें माउस का उपयोग नहीं किया जाता और कीबोर्ड का उपयोग करके कमांड दी जाती है। जब हम Windows Command Prompt (CMD) या Linux Terminal में टाइप करके कंप्यूटर को निर्देश देते हैं, तो उसे CLI कहते हैं। कमांड लाइन इंटरफेस में Windows Command Prompt (cmd.exe), Windows PowerShell, Linux Terminal (Bash, Zsh, Fish), macOS Terminal, UNIX Shell (Korn Shell, Bourne Shell, C Shell) जैसे ऑपरेटिंग सिस्टम शामिल है।
डिवाइस आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम
Desktop Operating System Kya Hai
Desktop Operating System Kya Hai : डेस्कटॉप ऑपरेटिंग सिस्टम (Desktop Operating System) वे OS होते हैं जो पर्सनल कंप्यूटर (PC) और लैपटॉप पर उपयोग किए जाते हैं। ये ऑपरेटिंग सिस्टम ग्राफिकल यूज़र इंटरफेस (GUI) और मल्टीटास्किंग को सपोर्ट करते हैं।
- माइक्रोसॉफ्ट विंडोज (Microsoft Windows): सबसे लोकप्रिय और व्यापक रूप से उपयोग किया जाने वाला OS। यह GUI आधारित, उपयोग में आसान और मल्टीटास्किंग सपोर्ट करता है। इसका सबसे ज्यादा उपयोग पर्सनल कंप्यूटर (PC) और लैपटॉप में किया जाता है। उदाहरण: Windows XP, Windows 7, Windows 8, Windows 10, Windows 11
- मैकओएस (macOS) : Apple के कंप्यूटर (MacBook, iMac) के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया OS। यह GUI आधारित, सुरक्षा और स्थिरता के लिए प्रसिद्ध। उदाहरण: macOS Monterey, macOS Ventura, macOS Sonoma
- लिनक्स (Linux): यह फ्री और ओपन-सोर्स ऑपरेटिंग सिस्टम जो कि सुरक्षा (Security) और कस्टमाइज़ेशन (Customization) के लिए लोकप्रिय है। यह OS मुख्य रूप से डिवेलपर्स और प्रोग्रामर्स द्वारा उपयोग किया जाता है। उदाहरण: Ubuntu, Fedora, Debian, Linux Mint, Kali Linux
- यूनिक्स (UNIX): यह पुराना लेकिन शक्तिशाली ऑपरेटिंग सिस्टम जो मुख्य रूप से सर्वर और मल्टी-यूज़र सिस्टम में उपयोग किया जाता है। उदाहरण: IBM AIX, HP-UX, Solaris
- क्रोम ओएस (Chrome OS): यह गूगल द्वारा विकसित किया गया क्लाउड-आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम है। यह क्रोम ब्राउज़र और वेब एप्लिकेशन पर आधारित है। उदाहरण: Chromebook में उपयोग किया जाता है।
Mobile Operating System Kya Hai
Mobile Operating System Kya Hai: मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम (Mobile OS) एक ऐसा सिस्टम सॉफ्टवेयर है जो स्मार्टफोन, टैबलेट और अन्य मोबाइल डिवाइस को कण्ट्रोल करता है। इस ऑपरेटिंग सिस्टम में इनपुट के लिए टच स्क्रीन का उपयोग किया जाता है। यह ऑपरेटिंग सिस्टम यूज़र इंटरफेस प्रदान करने के साथ साथ एप्लिकेशन, हार्डवेयर और नेटवर्किंग को भी मैनेज करता है। मोबाइल डिवाइसेस के लिए Android, iOS, और symbian जैसे अन्य OS बनाए गए हैं।
- एंड्रॉइड (Android): यह दुनिया का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला ओपन-सोर्स मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम है। इस OS को गूगल द्वारा विकसित और यह Linux Kernel पर आधारित है। उदाहरण: Android 12, Android 13, Android 14
- आईओएस (iOS): यह Apple द्वारा विकसित किया गया प्रीमियम मोबाइल OS है। यह सिर्फ iPhone और iPad में ही उपयोग किया जाता है। यह OS सुरक्षा (Security) और परफॉर्मेंस के लिए जाना जाता है।
Server Operating System Kya Hai
Server Operating System Kya Hai: सर्वर ऑपरेटिंग सिस्टम (Server OS) एक ऐसा विशेष ऑपरेटिंग सिस्टम है जो सर्वर (Server) को नियंत्रित करता है और कई यूजर को एक साथ सेवाएं प्रदान करता है। सर्वर ऑपरेटिंग सिस्टम बड़े नेटवर्क और डेटा सेंटर में उपयोग किया जाता है। यह OS सर्वर पर जुड़े सभी कंप्यूटरों को नियंत्रित करता है, डेटा को सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से स्टोर करता हैऔर वेबसाइट्स और क्लाउड सेवाओं को चलाने में मदद करता है।
- विंडोज सर्वर (Windows Server)
- लिनक्स सर्वर (Linux Server)
- यूनिक्स सर्वर (Unix Server)
- मैक ओएस एक्स सर्वर (macOS X Server)
- रेड हैट एंटरप्राइज़ लिनक्स (Red Hat Enterprise Linux – RHEL)
Conclusion
Operating System Kya Hai – उम्मीद करता हूँ इसके बारे में आपको अपने सभी प्रशनों के जवाब मिल गए होंगे। अगर आपको इस लेख के बारे में और जानकारी चाहिए तो कमेंट बॉक्स में हमें बता सकते है। Operating System Kya Hai लेख आपको कैसा लगा कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं और आप दोस्त रिश्तेदारों से यह जरूर शेयर करें। यदि आपको किसी विशिष्ट विषय पर मदद चाहिए, तो कृपया विस्तृत जानकारी कमेंट बॉक्स और हमें कॉन्टेक्ट करके साझा करें।धन्यवाद।